देश के दिग्गज उद्योगपति और टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा का निधन (Ratan Tata died) हो गया है। वो 86 वर्ष के थे। उन्हे मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में एडमिट कराया गया था जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। टाटा संस के वर्तमान चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने उनके निधन की पुष्टि की है। रतन टाटा के निधन की खबर से देश भर में शोक की लहर दौड़ गई है।
रतन टाटा को अस्पताल में कराया गया था एडमिट
रतन टाटा को तीन दिनों पहले ही अस्पताल में एडमिट कराया गया था। उन्हे मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में एडमिट कराया गया था। उस वक्त बताया गया कि उम्र संबंधी कुछ स्वास्थ परेशानियों के संबंध में रतन टाटा रुटीन चेकअप के लिए पहुंचे हैं। सूत्रों के मुताबिक रतन टाटा को लो बीपी की समस्या थी।
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रतन टाटा का निधन, शोक संवेदनाओं का लगा तांता
रतन टाटा के निधन पर शोक संवेदनाओं का तांता लगा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रतन टाटा के निधन पर गहरा दुख जताया। पीएम मोदी ने लिखा, रतन टाटा एक बिजनरी बिजनेस लीडर, दयालु और असाधारण इंसान थे। उन्होंने भारत के सबसे पुराने और सबसे प्रतिष्ठित व्यापारिक घरानों में से एक को स्थिर नेतृत्व प्रदान किया।
उनका योगदान बोर्डरूम से कहीं आगे तक गया। अपनी विनम्रता, दयालुता और हमारे समाज को बेहतर बनाने के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के कारण उन्होंने कई लोगों का प्रिय बना लिया। रतन टाटा के सबसे अनूठे पहलुओं में से एक, उन्हें बड़े सपने देखने और उसे पूरा करने का जुनून था। एजुकेशन, हेल्थ, स्वच्छता, पशु कल्याण जैसे कुछ मुद्दों का समर्थन करने में सबसे आगे थे।
वहीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लिखा, रतन टाटा के दुखद निधन से भारत ने एक ऐसे प्रतीक को खो दिया है जिसने राष्ट्र निर्माण के साथ कॉर्पोरेट विकास और नैतिकता के साथ उत्कृष्टता का मिश्रण किया। पद्म विभूषण और पद्म भूषण से सम्मानित महान रतन टाटा ने महान टाटा विरासत को आगे बढ़ाया और इसे और अधिक प्रभावशाली बनाया। उन्होंने अनुभवी पेशेवरों और युवा छात्रों को समान रूप से प्रेरित किया। परोपकार और परोपकार में उनका योगदान अमूल्य है. मैं उनके परिवार, टाटा समूह की पूरी टीम और दुनिया भर में उनके प्रशंसकों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करती हूं।”





