उत्तराखंड में अब नगर निकाय मनमर्जी से सड़कों और सार्वजनिक स्थलों के नाम नहीं बदल सकेंगे. शासन ने इस पर सख्ती बरतते हुए स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि नाम परिवर्तन से पहले अनिवार्य रूप से शासन की अनुमति ली जाए.
शासन की अनुमति के बाद ही बदलेंगे सड़कों और सार्वजनिक स्थलों के नाम
शहरी विकास विभाग के अपर सचिव गौरव कुमार ने सभी नगर आयुक्तों और नगर पालिका परिषद, नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारियों को पत्र जारी कर सख्त निर्देश दिए हैं. पत्र में कहा गया है कि कई स्थानों पर स्थानीय निकाय शासन की अनुमति के बिना ही सड़कों और सार्वजनिक स्थलों के नाम बदल रहे हैं, जो नियमों के विरुद्ध है.
स्थानीय निकाय को शासन को भेजना होगा प्रस्ताव
शहरी विकास विभाग के अपर सचिव ने पत्र में कहा है कि अब से किसी भी सड़क या सार्वजनिक स्थान के नाम बदलने से पहले स्थानीय निकाय को शासन को प्रस्ताव भेजना होगा. केवल शसन की औपचारिक अनुमति मिलने के बाद ही नाम परिवर्तन की प्रक्रिया आगे बढ़ सकेगी.
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मियांवाला का नाम बदलने पर हुआ था विवाद
बताया जा रहा है कि धामी सरकार का यह आदेश मियांवाला क्षेत्र का नाम बदलकर ‘रामजीवाला’ किए जाने के बाद उपजे विवाद के चलते सामने आया है. मियांवाला का नाम बदलने के फैसले का स्थानीय लोगों ने विरोध किया था. उन्होंने सीएम से मुलाकात कर नाम परिवर्तन को वापस लेने की मांग की थी. इसके बाद सीएम धामी ने स्थानीय लोगों को इस संबंध में उचित आश्वासन भी दिया था.





