उत्तराखंड में भ्रष्टाचार के विरूद्ध कार्यवाही जारी है. इसी कड़ी में बीते मंगलवार को टिहरी के धनोल्टी में रिश्वत लेते नाजिर के पद पर नियुक्त वीरेन्द्र सिंह कैन्तुरा को 15 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है. साथ ही सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता को निलंबित किया है.
रिश्वत लेने वालों पर धामी सरकार का एक्शन
शिकायतकर्ता ने मामले की शिकायत विजिलेंस से की थी. जिसमें उसने बताया था कि उसकी पत्नी ने 31 जनवरी 2025 को टिहरी गढ़वाल में करीब 1500 वर्ग मीटर जमीन खरीदी थी, जिसकी म्यूटेशन फाइल में तहसील नाजिर वीरेन्द्र सिंह कैंतुरा जानबूझकर गलत आपत्ति रिपोर्ट लगा रहे हैं, और सही रिपोर्ट और म्यूटेशन फाइल में नाम शामिल करने के बदले रिश्वत की मांग कर रहे हैं.
15 हजार की रिश्वत लेते नाजिर गिरफ्तार
विजिलेंस कि टीम ने नियमानुसार कार्यवाही करते हुए अभियुक्त वीरेन्द्र सिंह कैन्तुरा, वर्तमान में नाजिर तहसील धनोल्टी टिहरी को 13 मई को तहसील धनोल्टी स्थित आरोपी के कार्यालय से शिकायतकर्ता से 15 हजार की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया. गिरफ्तारी के बाद टीम ने आरोपी के आवास की तलाशी ली. साथ ही अन्य स्थानों पर चल-अचल सम्पत्तियों के सम्बन्ध में पूछताछ की.
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सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता निलंबित
वहीं पंतदीप पार्किंग, हरिद्वार की नीलामी में भ्रष्टाचार के आरोपों के आधार पर सिंचाई विभाग के तत्कालीन अधीक्षण अभियंता आरके तिवारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. जांच और शासन को सौंपी गई जांच रिपोर्ट में उपलब्ध तथ्यों और साक्ष्यों के आधार पर उन्हें प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया है. निलंबन के साथ ही उन्हें मुख्य अभियंता स्तर-2, अल्मोड़ा के कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है.