हिमाचल जाएगा उत्तराखंड आपदा प्रबंधन दल, बारिश से उत्पन्न हालातों का करेगा अध्ययन

उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का एक विशेष दल अब हिमाचल प्रदेश का दौरा करेगा. यह दल वहां भारी बारिश से उत्पन्न आपदा की स्थिति और उससे निपटने के लिए किए जा रहे प्रशासनिक प्रयासों का अध्ययन करेगा. मुख्य सचिव आनंद वर्द्धन ने सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन को यह निर्देश राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान दिए.

हिमाचल जाएगा उत्तराखंड आपदा प्रबंधन दल

सीएस ने कहा कि हिमाचल और उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियां समान हैं. ऐसे में वहां हो रही आपदा प्रबंधन की कार्यप्रणाली को समझना जरूरी है, ताकि उत्तराखंड में भी ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए एक प्रभावी रणनीति तैयार की जा सके. सीएस ने कहा कि हिमाचल में इस बार भारी बारिश से काफी नुकसान हुआ है और उस अनुभव से उत्तराखंड को सीखने की आवश्यकता है. सीएस ने प्रदेश में हो रही बारिश, आगामी पूर्वानुमान, भूस्खलन से बंद सड़कों की स्थिति और राहत-बचाव कार्यों की समीक्षा की. उन्होंने निर्देश दिए कि भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में जेसीबी और अन्य आवश्यक संसाधनों की तैनाती सुनिश्चित की जाए, और 15 मिनट के भीतर मौके पर कार्रवाई हो.

Read More

बागेश्वर जिले में हुई अभी तक सबसे अधिक बारिश

आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि देहरादून, नैनीताल और बागेश्वर में मौमस विभाग द्वारा ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. सात दिवसीय पूर्वानुमान के अनुसार सभी जिलों में बुधवार से येलो अलर्ट है. उन्होंने बताया कि जून में सामान्य से कम बारिश हुई थी, जबकि जुलाई में सामान्य से अधिक बारिश का पूर्वानुमान व्यक्त किया गया है. पूरे मानसून सीजन में सामान्य से 108 फीसदी अधिक बारिश का पूर्वानुमान व्यक्त किया गया है. सीएस ने बताया कि अभी तक प्रदेशभर में 317.1 मिमी बारिश हुई है. सबसे अधिक बागेश्वर में 765.5, चमोली में 428.2, रुद्रप्रयाग 388.8 तथा देहरादून 380.4 मिमी बारिश हो चुकी है.

तहसील स्तर पर बनेगा अलर्ट व्हाट्सएप ग्रुप

सीएस ने बैठक में तेज सूचना प्रसारण को लेकर तहसील स्तर पर विशेष व्हाट्सएप ग्रुप बनाने के निर्देश दिए. जिससे मौसम की चेतावनियों और अन्य आपदा संबंधी जानकारी 15 मिनट के भीतर आम नागरिकों तक पहुंचाई जा सके. सीएस ने कहा कि रियल टाइम सूचना आपदा प्रबंधन की कुंजी है. इसमें किसी भी प्रकार की देरी अस्वीकार्य होगी. सीएस ने एसईओसी और जिला आपातकालीन केंद्रों के लिए अलग-अलग एसओपी तैयार करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि कंट्रोल रूम में कार्यरत हर अधिकारी और कर्मचारी की भूमिका स्पष्ट होनी चाहिए. किसी भी स्थिति में भ्रम की गुंजाइश नहीं होनी चाहिए.

Source link

Related posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *