उत्तराखंड पंचायत चुनाव में सरकारी सिस्टम की बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है. पौड़ी के एक गांव में ग्राम प्रधान पद के लिए ओबीसी सीट तो आरक्षित हुई है. लेकिन गांव में एक भी OBC जाति का नागरिक नहीं है.
ग्राम प्रधान पद की कल्जीखाल ब्लॉक सीट आरक्षित
उत्तराखंड पंचायत चुनाव की प्रक्रिया जारी है. लेकिन इस बीच पौड़ी के एक गांव में अजीब मामला सामने आया है. जिसके बाद ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार का ऐलान कर दिया है. दरअसल पौड़ी गढ़वाल में कल्जीखाल ब्लॉक की ग्राम पंचायत डांगी में आरक्षण की वजह से ग्रामीणों के सामने एक समस्या खड़ी हो गई है.
गांव में नहीं है OBC जाति के लोग
बता दें इस गांव में ग्राम प्रधान पद को ओबीसी आरक्षित रखा गया है. लेकिन हैरानी की बात तो ये है कि ग्राम डांगी में पिछड़ा वर्ग यानि ओबीसी का न तो कोई वोटर है और न ही ओबीसी का कोई नागरिक है. जिस वजह से ग्राम प्रधान पद के लिए एक भी नामांकन दाखिल नहीं हो पाया है.
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2014 से गांव में नहीं बना किसी का OBC प्रमाण पत्र
ग्रामीणों का कहना है कि उनकी ग्राम सभा को निर्वाचन आयोग द्वारा ओबीसी श्रेणी के तहत आरक्षित कर दिया गया है. लेकिन 2014 से अब तक गांव में किसी का भी ओबीसी प्रमाण पत्र नहीं बना है. ग्रामीणों का आरोप है कि उन्होंने समय रहते इस मुद्दे को चुनाव आयोग के सामने कई बार रखा और आपत्ति के दौरान भी इसे उठाया. लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं हुआ है.
ग्रामीणों ने दी मतदान बहिष्कार की चेतावनी
ग्राणीणों ने चेतावनी दी है कि यदि इस मुद्दे का समाधान नहीं किया गया तो वो क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत के लिए होने वाले मतदान का बहिष्कार करेंगे. ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन की तरफ से इसे लेकर कोई होमवर्क नहीं किया गया है. गांव के लोगों ने इसे शासन-प्रशासन की बड़ी लापरवाही बताया है.
ग्रामीणों ने DM को सौंपा ज्ञापन
मामले को लेकर आक्रोशित ग्रामीणों ने जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया को ज्ञापन दिया है. मामले को लेकर डीएम का कहना है कि ग्रामीणों के मुद्दे को लेकर शासन पत्र भेजा जाएगा. जैसे ही शासन से निर्देश प्राप्त होंगे उसके हिसाब से आगे की कार्रवाई की जाएगी.





