प्रियंका हिरासत में, बैरिकेडिंग के ऊपर से कूदे अखिलेश, महुआ मोइत्रा बेहोश

ECI Protest: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी(Rahul Gandhi) के नेतृत्व में विपक्षी दलों ने सोमवार को चुनाव आयोग के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। विपक्ष का आरोप है कि केंद्र सरकार और भाजपा, वोटों की हेराफेरी कर लोकतंत्र को कमजोर कर रही है। इसी आरोप को लेकर संसद से निर्वाचन आयोग मुख्यालय तक ‘वोट बचाओ’ मार्च निकाला गया।

संसद से शुरू हुआ मार्च ECI Protest

संसद के मानसून सत्र के 16वें दिन हंगामे के बीच लोकसभा की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक स्थगित हो गई। इसके बाद 250 से अधिक विपक्षी सांसद, ‘वोट बचाओ’ के बैनर लेकर संसद से चुनाव आयोग दफ्तर की ओर कूच कर गए। दिल्ली पुलिस ने बताया कि इस मार्च के लिए कोई आधिकारिक अनुमति नहीं ली गई थी।

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Rahul Gandhi , प्रियंका और कई नेता हिरासत में

मार्च के दौरान दिल्ली पुलिस ने राहुल गांधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा(priyanka gandhi), टीएमसी सांसद सागारिका घोष सहित कई नेताओं को हिरासत में ले लिया। हिरासत में लिए जाने के बाद प्रियंका गांधी ने कहा, ‘ये सरकार डरी हुई है, कायर है।’

वहीं राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘जब हम चुनाव आयोग से मिलने जा रहे थे तो INDIA गठबंधन के सभी सांसदों को रोककर हिरासत में ले लिया गया। वोट चोरी की सच्चाई अब देश के सामने है। ये लड़ाई राजनीतिक नहीं है। ये लोकतंत्र, संविधान और एक व्यक्ति-एक वोट के अधिकार की लड़ाई है। साफ-सुथरी वोटर लिस्ट हमारा हक है और हम इसे लेकर रहेंगे।

दिल्ली पुलिस का बयान

नई दिल्ली के DCP देवेश कुमार महला ने कहा कि चुनाव आयोग ने पहले ही पत्र भेजकर कहा था कि केवल 30 प्रतिनिधि ही उनके दफ्तर आ सकते हैं। लेकिन 200 से ज्यादा नेता वहां पहुंच गए। जिससे सुरक्षा और कानून व्यवस्था का सवाल खड़ा हुआ। कुछ सांसद बैरिकेड कूदने की कोशिश भी कर रहे थे। इसलिए उन्हें रोका गया।

अखिलेश यादव कूदे बैरिकेड, महुआ मोइत्रा बेहोश

मार्च के दौरान समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव पुलिस बैरिकेड के ऊपर से कूद गए। इस बीच तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा बेहोश हो गईं और उन्हें तुरंत मदद दी गई। मार्च में बिहार की मतदाता सूची के ‘स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन’ (SIR) और 2024 के लोकसभा चुनाव में कथित वोटर फ्रॉड का मुद्दा प्रमुख रहा।

जयराम रमेश का आरोप

कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा कि उन्होंने चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखकर सूचित किया था कि विपक्ष के सभी सांसद शांतिपूर्वक मार्च कर दस्तावेज सौंपना चाहते हैं। लेकिन आयोग ने कोई जवाब नहीं दिया और अब कह रहा है कि सिर्फ 30 सांसद आ सकते हैं। उन्होंने आरोप लगाया, ‘चुनाव आयोग अब ‘चुराव आयोग’ बन गया है।’

इस पूरे घटनाक्रम ने संसद के बाहर माहौल गरमा दिया है। विपक्ष का दावा है कि सरकार लोकतांत्रिक संस्थाओं को पंगु बना रही है, जबकि पुलिस और चुनाव आयोग का कहना है कि सुरक्षा कारणों से ही नेताओं को रोका गया।

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