पुलिस ने केंद्रीय विद्यालय ओएनजीसी (ONGC) में आयोजित सीबीएसई की सुपरिंटेंडेंट भर्ती परीक्षा के दौरान सॉल्वर गैंग का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने पूरे खेल को अंजाम देने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जबकि तीसरा आरोपी फरार चल रहा है.
CBSE परीक्षा में बड़ा घोटाला
घटना 20 अप्रैल की है. मामले को लेकर केंद्र अधीक्षक जयकृष्ण ने पुलिस को तहरीर दी. जिसमें उन्होंने एक अभ्यर्थी के स्थान पर किसी और के परीक्षा देने की शिकायत की. जांच में पता चला कि गौतम कुमार पासवान नाम के अभ्यर्थी की जगह परीक्षा में आयुष कुमार पाठक नाम का युवक बैठा था. आयुष ने पूछताछ में बताया कि वो प्रयागराज में रहकर SSC की तैयारी कर रहा है.
पास कराने के लिए लेते थे लाखों रुपए
आयुष ने बताया कि लगभग एक साल पहले उसकी मुलाकात प्रणव कुमार नाम से हुई थी. प्रणव लंबे समय से बिहार-झारखंड के छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं में पास कराने के नाम पर फर्जी सॉल्वरों को सेट करता आ रहा है. इसके एवज में परीक्षार्थियों से मोटी रकम ली जाती है. इसी क्रम में गौतम पासवान से 10 लाख रुपये में सौदा तय हुआ था, जिसमें से 1 लाख रुपये नकद और 25 हजार पेटीएम के जरिए दिए गए थे. बाकी रकम चयन के बाद देनी थी.
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फरार आरोपी की तलाश में जुटी पुलिस
आरोपियों ने बताया कि वो डुप्लीकेट परीक्षार्थी और असली उम्मीदवार के फोटो को मिलाकर नया चेहरा बनाते थे, जिसे एडमिट कार्ड में इस्तेमाल किया जाता था. इसके साथ ही फर्जी पैन कार्ड भी बनवा दिया जाता, ताकि पहचान साबित करने में दिक्कत न आए. गिरफ्तारी के वक्त प्रणव के पास से 1 लाख रुपये नकद और 3 मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं. फिलहाल पुलिस फरार आरोपी गौतम पासवान निवासी झारखंड के रूप में हुई है.