देहरादून: जन प्रतिनिधियों ने वित्त आयोग के सामने रखी वित्तीय आवंटन बढ़ाने की मांग, उत्तराखंड को मिले ग्रीन बोनस

देहरादून में सोमवार को 16वें वित्त आयोग की अहम बैठक हुई। जिसमें आयोग की टीम ने उत्तराखंड के जनप्रतिनिधियों, पंचायत सदस्यों और राजनीतिक दलों से सुझाव लिए। बैठक की अध्यक्षता खुद आयोग प्रमुख डॉ. अरविंद पनगढ़िया ने की। इस दौरान आयोग के सदस्यों में एनी जॉर्ज मैथ्यू, मनोज पांडा, सौम्या कांति घोष, सचिव ऋत्विक पांडे और अन्य अधिकारी मौजूद रहे। जन प्रतिनिधियों ने वित्त आयोग के सामने वित्तीय आवंटन बढ़ाने की मांग रखी है।

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वित्त आयोग के सामने अतिरिक्त बजट की मांग

बैठक के पहले सत्र में नगर निकायों के प्रतिनिधियों ने अपनी-अपनी समस्याएं और ज़रूरतें आयोग के सामने रखीं। देहरादून के मेयर सौरभ थपलियाल ने राजधानी की बढ़ती आबादी और शिक्षा-पयर्टन हब बनने के चलते संसाधनों की मांग की। वहीं रुद्रपुर के मेयर विकास शर्मा ने बताया कि सिडकुल के चलते हर दिन पचास हजार लोग यहां आते है। जिससे रोज़ाना ढाई लाख टन कूड़ा निकलता है। उन्होंने इसके निस्तारण के लिए फंड बढ़ाने की अपील की।

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हरिद्वार की मेयर किरण जैसल ने तीर्थाटन को देखते हुए बजट में इजाफा मांगा। जबकि अल्मोड़ा के मेयर अजय वर्मा ने शहर को हेरिटेज टूरिज्म के लिहाज़ से विकसित करने का प्रस्ताव रखा। मसूरी, पौड़ी, बागेश्वर और अगस्त्यमुनि के निकाय प्रतिनिधियों ने पार्किंग, सीवर, ग्रीन बोनस और निर्माण लागत को लेकर अपनी मांगें रखीं।

पंचायत प्रतिनिधि बोले – बजट आबादी नहीं, क्षेत्र के हिसाब से मिले

दूसरे सत्र में पंचायत प्रतिनिधियों ने ग्रामीण क्षेत्रों की हकीकत बयां की। देहरादून जिला पंचायत की प्रशासक मधु चौहान ने गांवों में सफाई के लिए अतिरिक्त बजट की मांग की। वहीं पिथौरागढ़ की प्रशासक दीपिका बोरा ने कहा कि अक्सर आपदाओं के चलते पंचायतों को आकस्मिक खर्च उठाना पड़ता है। जिसके लिए विशेष फंड होना चाहिए।

जयहरीखाल के प्रशासक दीपक भंडारी ने कहा कि कई ग्राम पंचायतों को सालाना सिर्फ साढ़े पांच लाख रुपए ही मिलते हैं। जो पर्याप्त नहीं है। पंचायतीराज सचिव चंद्रेश कुमार ने भी स्वीकारा कि राज्य की 89% ग्राम पंचायतों की आबादी 500 से कम है। जिन्हें वाकई बजट बढ़ाने की ज़रूरत है।

उत्तराखंड को मिले ग्रीन बोनस और कार्बन क्रेडिट

तीसरे सत्र में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने राज्य के लिए विशेष पैकेज की मांग की। भाजपा विधायक विनोद चमोली ने कहा कि पलायन रोकने के लिए टेलीमेडिसिन और महिला-केंद्रित कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देना जरूरी है। उन्होंने खाली हो चुके गांवों तक सड़कें पहुंचाने और जल स्रोतों को बचाने के लिए बजट की मांग रखी।

कांग्रेस नेता सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि उत्तराखंड देश को पर्यावरण सुरक्षा में अहम योगदान देता है। इसलिए राज्य को प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए अतिरिक्त सहायता मिलनी चाहिए। उन्होंने नदियों से पेयजल और सिंचाई सुविधाएं विकसित करने का सुझाव भी दिया।

सीपीआई (एम) के राजेंद्र पुरोहित ने मनरेगा मजदूरी दर बढ़ाने और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सशक्त बनाने की मांग की। आम आदमी पार्टी के विशाल चौधरी और बसपा के मदनलाल ने भी राज्य को विशेष सहयोग देने की बात दोहराई।

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