ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग श्री केदारनाथ धाम(Kedarnath Dham) के कपाट शुक्रवार यानी दो मई को विधि-विधान से खुल गए हैं। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी भी कपाट खुलने के साक्षी बने। कपाट खुलने पर मुख्यमंत्री ने केदारनाथ धाम में पूजा अर्चना कर प्रदेश में सुख, समृद्धि और शांति की कामना की।
ऐसे में इस बार केदारनाथ घाम की यात्रा कुछ अलग अंदाज़ में शुरू हुई है। पहले जहां बाबा के दर्शन के लिए भक्तों को घंटों लंबी कतारों में खड़े रहना पड़ता था। वहीं अब सब कुछ काफी व्यवस्थित और आरामदायक हो गया है।
Kedarnath Dham: बाबा केदार के दर्शन का नया तरीका
शुक्रवार को कपाट खुलने के साथ ही बाबा केदारनाथ के दर्शन की शुरुआत हो गई। खास बात ये रही कि पहली बार दर्शन के लिए टोकन सिस्टम लागू किया गया। यानी अब ना भक्तों को कड़ाके की ठंड और ना ही धूप-बर्फ में घंटों लाइन में खड़े होने की जरूरत है। तय समय पर टोकन लेकर आप सीधे दर्शन के लिए पहुंच सकते हैं।
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भीड़ पर लगाम, दर्शन हुए आसान
हर साल Kedarnath Temple तक पहुंचने वाली लाइन कई किलोमीटर लंबी हो जाया करती थी। कई बार तो बेस कैंप से लेकर मंदिर तक भीड़ लगी रहती थी। बारिश, बर्फबारी या तेज ठंड में भी श्रद्धालु दर्शन की आस में घंटों खड़े रहते थे। इससे कई बार बुजुर्गों और बच्चों की तबीयत भी बिगड़ जाती थी।
अब घंटों लाइन में लगने से मिलेगा छुटकारा
इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए इस साल प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है। अब मंदिर से करीब एक किलोमीटर दूर संगम स्थल के पास, हेलीपैड के नजदीक स्थित बेस कैंप से यात्रियों को टोकन दिए जा रहे हैं। टोकन मिलने के बाद श्रद्धालु निर्धारित समय पर दर्शन के लिए लाइन में लगते हैं। जिससे भीड़ नियंत्रित रहती है।
भक्तों में भी टोकन सिस्टम को लेकर खुशी
इस नई व्यवस्था से श्रद्धालुओं को काफी राहत मिली है। जिला पर्यटन अधिकारी राहुल चौबे ने बताया कि सरकार और प्रशासन की कोशिश है कि केदारनाथ आने वाले हर श्रद्धालु का अनुभव सुखद और सुविधाजनक हो। इसी सोच के तहत टोकन सिस्टम लागू किया गया है। ताकि दर्शन से पहले ही लोगों को अपना नंबर मालूम हो जाए। इससे इंतजार के समय का इस्तेमाल लोग केदारपुरी देखने या विश्राम में कर सकते हैं।