उत्तराखंड में इस बार पंचायत चुनाव समय पर हो पाएंगे या नहीं, इस पर असमंजस बढ़ता जा रहा है. चारधाम यात्रा की शुरुआत और ओबीसी आरक्षण को लेकर अध्यादेश की देरी ने स्थिति और उलझा दी है. ऐसे में पंचायत चुनाव टलने के पूरे आसार नजर आ रहे हैं.
पंचायती चुनाव पर लग सकता है ब्रेक
बता दें 15 अप्रैल को हुई धामी कैबिनेट की बैठक में ओबीसी आरक्षण से जुड़ा अध्यादेश पेश नहीं किया गया. जबकि पंचायत चुनाव से पहले पंचायत एक्ट में संशोधन किया जाना है. इसके बाद ही शासनादेश होगा और प्रतिशत के हिसाब से आरक्षण तय किया जाएगा. जिसके अनंतिम प्रकाशन के बाद आपत्तियां आमंत्रित की जाएंगी. इसके बाद आपत्तियों पर सुनवाई कर उनका निपटारा किया जाएगा.
चारधाम यात्रा बनी चुनौती
एससी, एसटी, ओबीसी और महिला आरक्षण पर आपत्तियों का निपटारा करने के बाद ही पंचायत चुनाव के लिए अधिसूचना जारी की जाएगी. उधर, चारधाम यात्रा 2025 का आगाज 30 अप्रैल से होने जा रहा है. यात्रा के दौरान भारी पुलिस बल और प्रशासनिक अमला यात्रा में लग जाता है. एक और अहम पहलू ये है कि पंचायतों में प्रशासकों का कार्यकाल 1 जून को ख़त्म हो रहा है. इससे पहले चुनाव करा पाना संभव नहीं है. हालांकि विभागीय अधिकारी दावा कर रहे हैं कि चुनाव की तैयारियां चल रही हैं. फिलहाल चुनाव पर ब्रेक लगना लगभग तय माना जा रहा है.
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