पंचायत चुनाव को लेकर उत्तराखंड में अब सियासत तेज हो गई है. कांग्रेस ने प्रदेश सरकार पर चुनाव को जानबूझकर टालने और अब आपदा के समय चुनाव कराने का आरोप लगाया है.
पंचायत चुनाव को लेकर उत्तराखंड में चढ़ा सियासी पारा
कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने मंगलवार को प्रेस वार्ता कर भाजपा सरकार की मंशा पर सवाल उठाए और इसे लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ बताया. धस्माना ने कहा कि राज्य सरकार को पहले से पता था कि पंचायतों का कार्यकाल अक्टूबर-नवंबर 2024 में समाप्त हो रहा है, इसके बावजूद न तो समय पर परिसीमन कराया गया, न आरक्षण तय किया गया और न ही वोटर लिस्ट तैयार की गई.
सरकार ने जानबूझकर की चुनाव प्रक्रिया में देरी
धस्माना ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने चुनाव प्रक्रिया में जानबूझकर देरी की ताकि अपनी राजनीतिक सुविधा के अनुसार माहौल तैयार किया जा सके. उन्होंने यह भी कहा कि जब राज्य प्राकृतिक आपदाओं से जूझ रहा है. कहीं बादल फट रहे हैं, कहीं भूस्खलन हो रहा है, और कई सड़कों पर आवाजाही तक मुश्किल हो गई है. इस बीच सरकार ने चुनाव की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
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आपदा में गई जान तो सरकार की होगी जिम्मेदारी : कांग्रेस
धस्माना ने चेतावनी दी कि अगर चुनाव के दौरान किसी व्यक्ति की जान जाती है, तो उसकी पूरी जिम्मेदारी भाजपा सरकार की होगी. सूर्यकांत धस्माना ने हाईकोर्ट में सरकार की ओर से की गई पैरवी को भी कमजोर बताया है. धस्माना ने कहा कि अदालत में भी राज्य सरकार लोकतांत्रिक संवेदनशीलता का परिचय देने में विफल रही है.





