कांवड़ यात्रा में साजिशों का साया ! स्वामी यतींद्रानंद गिरी महाराज ने CM को लिखा पत्र

श्रावण मास की कांवड़ यात्रा, जो करोड़ों शिवभक्तों की आस्था और तपस्या का प्रतीक मानी जाती है, अब सुनियोजित साजिशों के घेरे में बताई जा रही है. संत समाज ने इसे लेकर गंभीर चिंता जताई है. साथ ही सरकार को चेताया है कि यदि समय रहते आवश्यक कदम नहीं उठाए गए तो आने वाले समय में हालात बिगड़ सकते हैं.

महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरी महाराज ने CM को लिखा पत्र

महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरी महाराज ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को इस संबंध में पत्र भेजा है. जिसमें उन्होंने कहा है कि कांवड़ मार्ग की पवित्रता से कोई भी समझौता स्वीकार नहीं किया जाएगा. उन्होंने मांग की है कि कांवड़ यात्रा मार्ग पर किसी भी गैर-हिंदू को सेवा देने या धार्मिक वस्तुओं की बिक्री की अनुमति न दी जा.

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स्वामी यतींद्रानंद का आरोप है कि बीते सालों में कई गैर-हिंदू व्यक्ति भगवा वस्त्र पहनकर सेवा शिविरों के माध्यम से संदेहास्पद गतिविधियों में शामिल रहे हैं. कुछ पर आस्था को ठेस पहुंचाने और धार्मिक परंपराओं का मज़ाक उड़ाने जैसे गंभीर आरोप भी लगे हैं. संत समाज ने अब खुद मैदान में उतरने का ऐलान किया है.

सत्यापन अभियान चलाएगा संत समाज

स्वामी यतींद्रानंद गिरी ने कहा कि सभी संत और महामंडलेश्वर मिलकर एक सत्यापन अभियान चलाएंगे, जिसके तहत हर सेवा शिविर और उससे जुड़े लोगों की धार्मिक पहचान की जांच की जाएगी. अगर कोई व्यक्ति पकड़ा गया, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी. यह सत्यापन हरिद्वार से लेकर नीलकंठ और अन्य प्रमुख पड़ावों तक चलेगा.

संत समाज ने सरकार और प्रशासन को चेताया

संत समाज ने प्रशासन से मांग की है कि वह भी इस दिशा में सतर्क रहे और ऐसे किसी भी तत्व को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए. पत्र में यह भी चेताया गया है कि यदि सरकार और प्रशासन ने इन साजिशों को गंभीरता से नहीं लिया, तो कांवड़ यात्रा में बड़ा विवाद खड़ा हो सकता है. इससे कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने की आशंका जताई है.

स्वामी यतींद्रानंद ने स्पष्ट किया कि अब संत समाज चुप नहीं बैठेगा. कांवड़ यात्रा कोई पर्यटन उत्सव नहीं, बल्कि सनातन परंपरा की गहराई से जुड़ा आध्यात्मिक अनुष्ठान है. इसमें किसी भी प्रकार की अपवित्रता या दिखावा अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

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