उत्तराखंड के लिए राहत की खबर…इस गर्मी के सीजन में नहीं होगी बिजली की किल्लत, सस्ती भी मिलेगी

GarhwalVoice
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देहरादून। उत्तराखंड को गर्मियों में बिजली की किल्लत से नहीं जूझना पड़ेगा। केंद्र सरकार की ओर से अगले तीन माह के लिए 150 मेगावाट अतिरिक्त बिजली दिए जाने के बाद अब ऊर्जा निगम ने भी 130 मेगावाट बिजली खरीदने का दीर्घकालिक अनुबंध कर लिया है। इसमें 100 मेगावाट बिजली सौर ऊर्जा से और 30 मेगावाट बिजली विंड एनर्जी प्लांट से मिलेगी। ऊर्जा निगम ने बेहद सस्ती दरों पर यह अनुबंध 20 वर्ष से अधिक समय के लिए किया है।

100 मेगावाट बिजली खरीदने का अनुबंध

सोलर एनर्जी कारपोरेशन आफ इंडिया (सेकी) लिमिटेड के साथ ऊर्जा निगम ने कम दाम में अगले कई वर्षों के लिए 100 मेगावाट बिजली खरीदने का अनुबंध किया है। जिससे खासकर गर्मियों में ऊर्जा निगम के पास पर्याप्त विद्युत उपलब्धता रहने की उम्मीद है। इसके अलावा नेशनल इंस्टीट्यूट आफ विंड एनर्जी से भी 30 मेगावाट बिजली मिलेगी। निगम के इस अनुबंध के बाद अब विद्युत उपलब्धता में इजाफा होगा।

केंद्र से उत्तराखंड को मिल रही है 20 मिलियन यूनिट बिजली

प्रतिदिन ऊर्जा निगम को करीब तीन मिलियन यूनिट बिजली और मिल सकेगी। इन दिनों केंद्र सरकार की ओर से उत्तराखंड को 20 मिलियन यूनिट बिजली आवंटित की जा रही है। जबकि, करीब पांच एमयू अन्य स्रोतों से किए गए अनुबंध, आठ एमयू के करीब यूजेवीएन से मिल रही है। दैनिक विद्युत उपलब्धता 33 से 35 मिलियन यूनिट तक है और कुल मांग 38 एमयू से अधिक है। ऐसे में मांग की पूर्ति के लिए रियल टाइम मार्केट से बिजली खरीद की जाती है, जो कि सामान्य से दोगुने दामों पर प्राप्त होती है।

गर्मियों के लिए केंद्र ने भी दी राहत

उत्तराखंड में गर्मियों के दौरान विद्युत मांग में भारी इजाफा होने पर अक्सर बिजली संकट मंडराता रहता है। हालांकि, इस बार विद्युत संकट से उत्तराखंड को कुछ राहत रहने की उम्मीद है। केंद्र सरकार ने प्रदेश को आगामी तीन माह यानी एक अप्रैल से 30 जून तक अतिरिक्त कोटे के रूप में 150 मेगावाट विद्युत आवंटित की है। इससे पहले केंद्र सरकार ने 19 सितंबर 2023 को अक्टूबर से मार्च 2024 तक के लिए बिजली का अतिरिक्त कोटा दिया था।

गर्मियों में 50 एमयू तक पहुंच रही विद्युत मांग

उत्तराखंड में बीते कुछ वर्षों से गर्मियों के पीक सीजन पर विद्युत मांग 50 मिलियन यूनिट प्रतिदिन से अधिक पहुंच जाती है। इसीलिए प्रदेश को बिजली आपूर्ति सामान्य बनाए रखने के लिए केंद्र और विभिन्न राज्यों बिजली खरीदनी पड़ती है। हालांकि, आने वाले दिनों में जल विद्युत परियोजनाओं से उत्पादन बढ़ने से भी कुछ राहत रहेगी।

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