देहरादून: साइबर सुरक्षा को लेकर उत्तराखंड सचिवालय ने बड़ा कदम उठाया है। हालिया साइबर हमले के बाद सचिवालय में डिजास्टर रिकवरी साइट का उद्घाटन किया गया, जो राज्य के संवेदनशील डेटा को सुरक्षित रखने के साथ-साथ आपदा या तकनीकी समस्याओं के दौरान सेवाओं को बाधारहित रूप से संचालित करने में सक्षम होगी।
बुधवार को सचिव आईटी नितेश झा ने इस नई व्यवस्था का शुभारंभ किया। उन्होंने बताया कि डिजास्टर रिकवरी साइट न केवल डाटा सेंटर की महत्वपूर्ण एप्लीकेशंस को सुरक्षित रखेगी, बल्कि छह माह तक का डेटा बैकअप भी उपलब्ध रहेगा। इसके साथ ही सभी विभागों के डेटा की टेप फायरप्रूफ अलमारी में संरक्षित की गई हैं।
सचिव झा ने इसे एक नवाचारी कदम बताते हुए कहा कि डिजास्टर रिकवरी साइट भविष्य में किसी भी आपदा या तकनीकी समस्या के दौरान डेटा और सेवाओं की शीघ्र पुनर्प्राप्ति सुनिश्चित करेगी। उन्होंने इस प्रोजेक्ट को तैयार करने वाली टीम की सराहना की और इसे आईटी क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धि करार दिया।
Also Read
- उत्तराखंड में मौसम का यू-टर्न, तेज हवाओं के साथ बारिश के आसार, इतने दिन का ऑरेंज अलर्ट जारी!
- उत्तराखंड 38वें राष्ट्रीय खेल : खिलाड़ियों ने किया था डोप ड्रग का इस्तेमाल!, प्रभावित हो सकती है पदक तालिका
- हज यात्रा 2025 : उत्तराखंड के हज यात्रियों के लिए शुरू हुआ टीकाकरण अभियान, जानिए कब और कहा लगेंगे वैक्सीनेशन कैंप
- उत्तराखंड के 5 जिलों में बारिश का अलर्ट, गर्मी से मिलेगी राहत, पढ़ लें IMD का पूर्वानुमान
- उत्तराखंड से बड़ी खबर : पाकिस्तानी हैकर्स ने की आर्मी पब्लिक स्कूल की वेबसाइट हैक, लगाया पाकिस्तान का झंडा
इस प्रोजेक्ट को बिना किसी अतिरिक्त लागत के तैयार किया गया है। आईटीडीए की निदेशक नितिका खंडेलवाल ने बताया कि यह साइट स्वान पीओपी में उपलब्ध संसाधनों का उपयोग कर बनाई गई है, जबकि बाजार में इस तरह की साइट डेवलपमेंट की लागत करीब 20 करोड़ रुपये तक होती।
डिजास्टर रिकवरी साइट के विकास में एनआईसी निदेशक अरुण शर्मा की अध्यक्षता वाली टीम ने योगदान दिया, जिसमें एजीएम मनवीर जोशी, प्रोजेक्ट मैनेजर राम, डाटाबेस विशेषज्ञ नितीश सैनी, नेटवर्क विशेषज्ञ विकास और बैकअप विशेषज्ञ गिरीश शामिल रहे।