राजधानी देहरादून के क्लेमेंटटाउन से 5 बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार हुए हैं. पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी कर ये कार्रवाई की है. पुलिस ने पांच बांग्लादेशी नागरिकों के साथ एक भारतीय महिला और एक नाबालिग को हिरासत में लिया है. ये सभी लोग बिना वैध दस्तावेजों के भारत में रह रहे थे.
देहरादून से पकड़े गए 5 बांग्लादेशी नागरिक
गोपनीय सूचना मिलने के बाद देहरादून के एसएसपी अजय सिंह ने एक संयुक्त टीम गठित कर क्षेत्र में अवैध रूप से रह रहे बाहरी व्यक्तियों की जांच शुरू करवाई. इसी क्रम में टीम ने लेन नंबर 11, पोस्ट ऑफिस रोड, क्लेमेंटटाउन में छापेमारी कर पांच बांग्लादेशी नागरिकों को अरेस्ट किया. पूछताछ के दौरान सभी बांग्लादेशी नागरिक पुलिस को वैध पासपोर्ट या वीजा नहीं दिखा पाए.
आरोपियों का विवरण
गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान निर्मल राय (35), शेम राय (33), लिपि राय (27), कृष्णा उर्फ संतोष (28), मुनीर चंद्र राय (30), पूजा रानी (28) के रूप में हुई है. पुलिस के अनुसार मुनीर चंद्र राय से बिहार और पश्चिम बंगाल के दो फर्जी आधार कार्ड भी बरामद हुए हैं. जबकि कृष्णा उर्फ संतोष और निर्मल राय के पास बांग्लादेश की ID मिली है.
Also Read
- उत्तराखंड की चारधाम यात्रा ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, आंकड़ों में दर्ज हुआ नया इतिहास, अभी और चलेगी यात्रा
- बदरीनाथ-केदारनाथ धाम पहुंचे मुकेश अंबानी, विशेष पूजा-अर्चना कर लिया बाबा का आशीर्वाद
- सीएस ने ली झुग्गी पुनर्विकास की समीक्षा बैठक, सर्वे और आवास आवंटन के दिए निर्देश
- निवेश के नाम पर करोड़ों की ठगी, भोले-भाले लोगों को आरोपी ऐसे देता था झांसा
- उत्तराखंड में FDA का सघन अभियान, इन जगहों से जब्त हुई नकली मावा-घी और पनीर की बड़ी खेपें
चार बांग्लादेशी नाबालिग को पुलिस संरक्षण में भेजा
पुलिस के अनुसार एक भारतीय महिला पूजा रानी, जो मुनीर की पत्नी है और उसका बेटा भी इस ठिकाने पर रह रहे थे. पुलिस ने पूजा को बांग्लादेशी नागरिकों की अवैध मदद करने के आरोप में गिरफ्तार किया है. साथ ही चार बांग्लादेशी नाबालिग बच्चों को पुलिस संरक्षण में भेजा गया है. सभी के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है. बता दें ये सभी लोग देहरादून में मजदूरी करते थे.
राधिकापुर बॉर्डर से भारत आया था आरोपी
मुनीर ने पूछताछ में बताया कि वह 16 साल की उम्र में राधिकापुर बॉर्डर से भारत आया था. पहले वो नोएडा, फिर राजस्थान और फरीदाबाद में काम करता रहा. 2016 में उसकी शादी पूजा से हुई. जो पहले से दो बच्चों की मां थी. मुनीर के अनुसार उसे कई बार अलग-अलग एजेंटों और ठेकेदारों ने भारत में प्रवेश दिलाने में मदद की थी. कुछ समय पहले मुनीर ने देहरादून के कैंसर हॉस्पिटल में भी काम किया था.





