कोटद्वार: उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी मर्डर केस में नया मोड़ आ गया है। पीड़िता के माता-पिता और मुख्य पैरोकार आशुतोष नेगी ने यमकेश्वर विधायक रेणु बिष्ट पर साक्ष्य मिटाने का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने प्रेस वार्ता में कहा कि विधायक ने रिजॉर्ट तोड़ने के लिए जेसीबी ड्राइवर को मौके पर भेजा था। इस कदम को अपराध के साक्ष्य मिटाने का प्रयास बताया जा रहा है।
गवाहियों की प्रगति:
कोटद्वार की निचली अदालत में चल रही सुनवाई के दौरान अब तक 97 गवाहों में से 47 की गवाही हो चुकी है। खासतौर पर जेसीबी ड्राइवर ने अपने बयान में दावा किया है कि विधायक के निर्देश पर ही रिजॉर्ट तोड़ा गया था, जिसमें अंकिता का कमरा भी शामिल था।
मांगे और सरकार पर सवाल:
अंकिता के माता-पिता और उनके वकील ने स्थानीय विधायक पर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि अब तक विधायक से कोई पूछताछ या बयान दर्ज नहीं किया गया है। सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने इसे न्याय प्रक्रिया में बाधा बताया।
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सोशल मीडिया पर बढ़ा दबाव:
इस घटना के बाद #JusticeForAnkitaBhandari और #RenuBishtAccusation जैसे हैशटैग ट्विटर और अन्य प्लेटफॉर्म पर ट्रेंड कर रहे हैं। लोग विधायक को आरोपी बनाने और जल्द न्याय दिलाने की मांग कर रहे हैं।
अन्य मुख्य बिंदु:
- जेसीबी ड्राइवर की गवाही से साक्ष्य मिटाने के आरोप को बल मिला।
- लोअर कोर्ट में अभी 50 और गवाहों की गवाही बाकी है।
- विधायक रेणु बिष्ट पर अब तक कोई कानूनी कार्रवाई क्यों नहीं?
इस केस में न्याय की मांग तेज होती जा रही है। अंकिता के परिवार का कहना है कि जब तक सभी दोषियों को सजा नहीं मिलती, तब तक लड़ाई जारी रहेगी। सरकार और न्यायिक प्रक्रिया को लेकर सवाल उठ रहे हैं।