देशभर में LGBTQ+ समुदाय के अधिकारों और पहचान के समर्थन में होने वाली प्राइड वॉक अब उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में भी अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रही है. रविवार को परेड ग्राउंड में आयोजित प्राइड वॉक में बड़ी संख्या में युवाओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और विभिन्न संगठनों ने हिस्सा लिया.
प्राइड वॉक का कोलकाता से देहरादून तक का सफर
भारत में प्राइड वॉक की शुरुआत साल 1999 में कोलकाता से हुई थी, जब इसे “द फ्रेंडशिप वॉक” के नाम से जाना गया. उसके बाद से ही यह आंदोलन देश के दर्जनों शहरों में फैल चुका है. प्राइड वॉक के दौरान प्रतिभागियों ने इंद्रधनुषी झंडे, पोस्टर और नारों के साथ शहर की सड़कों पर मार्च किया. हाथों में ‘Love is Love’, ‘Equality for All’, ‘Trans Rights are Human Rights’ जैसे संदेश लिखे थे.
कानूनी मान्यता की जद्दोजहद जारी
भारत में LGBTQ+ समुदाय को धीरे-धीरे सामाजिक स्वीकार्यता मिलने लगी है, फिर भी कई कानूनी अड़चनें बाकी हैं. बता दें 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने से इनकार कर दिया था, जिससे समुदाय में मायूसी जरूर फैली, लेकिन हिम्मत नहीं टूटी. कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह लड़ाई सिर्फ अधिकारों की नहीं बल्कि सम्मान की भी है.
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