दिल्ली सरकार ने 14 कैदियों की समय से पहले रिहाई का प्रस्ताव मंजूरी के लिए एलजी विनय कुमार सक्सेना को भेजा है। गृहमंज्ञी कैलाश गहलोत ने इस प्रस्ताव को दिल्ली के मुख्यमंत्री आतिशी के पास अप्रूवल के लिए भेजा है। इसके बाद ये एलजी के पास जाएगा। दिल्ली सरकार के मुताबिक सजा समीक्षा बोर्ड यानी एसआरबी ने कुल 92 मामलों की गहन समीक्षा के बाद, 14 कैदियों की समय से पहले रिहाई की सिफारिश की है। इन कैदियों में वे लोग शामिल है जिन्होनें जेल में सुधार और पश्चाताप किया है।
गृह मंत्री अशोक गहलोत ने क्या कहा?
गृह मंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि इन कैदियों की समय से रिहाई न केवल उन्हें समाज की मुख्यधारा में शामिल होने का एक और मौका देती है, बल्कि इससे जेलों पर बढ़ते बोझ को भी कम करने में काफी मदद मिलेगी। इससे पहले भी एक बार ये सिफारिश की गई थी लेकिन तब एलजी ने इस सिफारिश को मुख्यमंत्री के जरिए भेजने का अनुरोध करते हुए वापस किया था।
Also Read
- बिहार चुनाव की तारीखों का ऐलान!, दो चरणों में होंगे मतदान, यहां देखे पूरी लिस्ट
- ठप हो गई ट्रंप सरकार!, अमेरिका में हो गया शटडाउन, जानें क्या है इसका मतलब
- GST पर PM Modi मोदी का संबोधन, बोले विदेशी की जगह देशी उत्पादों का करें इस्तेमाल
- राहुल गांधी की यात्रा में हुई सारी हदें पार’, पीएम मोदी की मां के लिए अभद्र भाषा का किया प्रयोग!, वीडियो वायरल
- वैष्णो देवी लैंडस्लाइड में मृतकों की संख्या बढ़कर हुई 34, ट्रेनें हुई रद्द
मंजूरी मिलने के बाद रिहा होंगे 14 कैदी
14 दोषियों की सजा माफी और समय से पहले रिहाई की सिफारिश की गई थी। अब इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद, इन 14 दोषियों को जेल से रिहा कर दिया जाएगा। संविधान के अनुच्छेद 161 के तहत किसी कैदी को क्षमा करने की शक्ति राज्य सरकार के पास है, राज्यपाल के पास नहीं, हालांकि, राज्य का मुखिया उपयुक्त सरकार द्वारा दी गई सलाह से बंधा होता है।






