पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में इस सीजन में कमी देखी गई है, जबकि 15 सितंबर से 16 अक्टूबर तक कुल पराली जलाने की 1,212 घटनाएं देखी गई हैं। इस दौरान, सरकार ने किसानों के खिलाफ 340 चालान जारी किए और 9 लाख रुपये का जुर्माना लगाया, जिसमें से 7.67 लाख रुपये की वसूली की गई। मौसम में बदलाव के साथ पराली जलाने से प्रदूषण की समस्या बढ़ जाती है और ऐसे में यह अहम है कि इन घटनाओं पर लगाम लगाई जाए।
सबसे ज्यादा घटनाएं अमृतसर में
पंजाब सरकार द्वारा राष्ट्रीय हरित अधिकरण को दी गई जानकारी के मुताबिक, सबसे ज्यादा घटनाएं अमृतसर (400), तरणतारन 261) और पटियाला में (134) दर्ज की गई है। वहीं,सबसे कम घटनाएं पठानकोट में दर्ज की गई हैं, जहां पराली जलाने की कोई घटना नहीं है।
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इस साल पराली जलाने की कम घटनाएं
लगातार बढ़ते प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए अब तक किसानों के खिलाफ 2024 में 51 मामले धारा 188 और 41 मामले CRPC 107/151 के तहत दर्ज किए गए हैं। इसके साथ ही 2023 में कुल 1,144 एफआईआर दर्ज की गई। बता दें कि साल 2020 में 18 अक्टूबर तक कुल 7,429 घटनाएं दर्ज की गई थी, लेकिन इस साल यह संख्या घटकर 1,348 हो गई है। राज्य ने 9,492 गांव/क्लस्टर/ जिला स्तरीय अधिकारियों को तैनात किया है, जो एनजीटी के आदेशों के तहत कार्रवाई और पर्यावरणीय मुआवजा लागू करने के लिए जिम्मेदार हैं।






