देहरादून में बढ़ रहा डेंगू का प्रकोप, अलर्ट मोड पर आया प्रशासन

देहरादून में डेंगू के बढ़ते प्रकोप के बाद प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है. शनिवार को देहरादून के जिलाधिकारी सविन बंसल ने स्वास्थ्य विभाग समेत कई अन्य विभागों के अधिकारियों की बैठक ली. बैठक में डीएम ने संबंधित विभागों के अधिकारियों को डेंगू के बचाव को लेकर आवश्यक कार्रवाई करने के सख्त दिशा निर्देश दिए.

अलर्ट मोड पर आया प्रशासन

डेंगू के बढ़ते प्रकोप को लेकर देहरादून जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर है. शनिवार को डीएम सविन बंसल ने स्वास्थ्य विभाग समेत कई अन्य विभागों के अधिकारियों की बैठक ली. बैठक में डेम ने डेंगू के बचाव को लेकर सख्त दिशा निर्देश दिए. जिलाधिकारी सविन बंसल ने कहा कि मुख्यमंत्री धामी के दिए निर्देशों पर कार्रवाई की जा रही है. फॉगिंग से लेकर डोर टू डोर जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं.

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देहरादून में 21 पहुंची डेंगू के मरीजों की संख्या

बता दें राजधानी देहरादून में डेंगू के मरीजों की संख्या दिन पर दिन बढ़ रही है. जिले के तीन निजी अस्पतालों में भर्ती तीन मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है. देहरादून में डेंगू के मरीजों की संख्या 21 हो गई है. तीनों नए मरीजों में से एक मरीज दून, एक हरिद्वार और एक सहारनपुर जिले का रहने वाला है. बीते शुक्रवार को इंदिरेश, ग्राफिक एरा और जौलीग्रांट अस्पताल में भर्ती एक-एक मरीज की एलाइजा जांच पॉजिटिव आई है. जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आ गया है.

डेंगू से कैसे बचाव करें ? (How to prevent dengue?)

  • मच्छरों से बचाव करें : सुबह और शाम मच्छर सबसे ज्यादा सक्रिय होते हैं. इस समय पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें और मच्छरदानी का प्रयोग करें.
  • मच्छर भगाने वाले उत्पादों का इस्तेमाल करें : शरीर पर मच्छर भगाने वाली क्रीम या स्प्रे लगाएं और घर में मच्छर कॉइल, लिक्विड या वेपोराइज़र का इस्तेमाल करें.
  • पानी जमा न होने दें : कूलर, गमलों, पुराने टायर, डिब्बों या छत पर खुले बर्तनों में पानी जमा न होने दें. डेंगू फैलाने वाला मच्छर साफ पानी में ही पनपता है.
  • घर के आसपास साफ-सफाई रखें : घर के आसपास जलभराव रोकें और नालियों की नियमित सफाई करें.
  • हफ्ते में एक बार पानी के बर्तनों को खाली करें : कूलर, फूलदान, फ्रिज की ट्रे, और अन्य जगह जहां पानी जमा हो सकता है, उन्हें हफ्ते में कम से कम एक बार खाली और साफ करें.
  • तेज गंध वाले तेलों का प्रयोग करें : नीम का तेल, कपूर, तुलसी मच्छरों को दूर रखने में सहायक होते हैं.
  • बुखार, सिर दर्द या बदन दर्द हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें : डेंगू के लक्षण दिखने पर समय पर इलाज बहुत जरूरी है.

डेंगू से बच्चों को ऐसे बचाए ? (How to protect children from dengue?)

  • पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनाएं : बच्चों को हल्के, फुल आस्तीन के कपड़े और पूरी पैंट पहनाएं, ताकि मच्छरों को काटने का मौका न मिले.
  • मच्छरदानी और नेट का इस्तेमाल करें : बच्चों को सोते वक्त मच्छरदानी में सुलाएं और खिड़कियों-दरवाजों पर मच्छर रोधी जाली लगवाएं.
  • बच्चों की त्वचा पर मच्छर भगाने वाली क्रीम लगाएं : बाज़ार में बच्चों के लिए सुरक्षित रिपेलेंट्स मिलते हैं जैसे कि पिकरिडिन या बच्चों के अनुकूल DEET आधारित क्रीम. डॉक्टर से सलाह लेकर ही उपयोग करें।
  • घर और आसपास पानी जमा न होने दें : टॉय बॉक्स, कूलर, गमले, बाल्टी जैसी जगहों में पानी जमा न होने दें, क्योंकि डेंगू फैलाने वाला मच्छर साफ पानी में पनपता है.
  • स्कूल बैग और लंच बॉक्स की सफाई रखें : कहीं इनमें भी नमी या पानी इकट्ठा न हो, इसका ध्यान रखें.
  • बच्चों को डेंगू के लक्षण बताएं : हल्का बुखार, बदन दर्द, लाल चकत्ते या उल्टी जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. बच्चों को सिखाएं कि मच्छरों से खुद कैसे बचें.

बच्चों में डेंगू के लक्षण (Symptoms of Dengue in Children)

  • तेज बुखार : अचानक 102°F या उससे ज्यादा बुखार आना जो 2–7 दिन तक रह सकता है.
  • सिरदर्द और आंखों के पीछे दर्द : बच्चा बार-बार आंखों के पीछे या माथे में दर्द की शिकायत कर सकता है.
  • मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द : बच्चा शरीर में थकावट या दर्द की शिकायत कर सकता है, जिसे डेंगू में “हड्डी तोड़ बुखार” भी कहते हैं.
  • भूख कम लगना और थकान : बच्चा सामान्य से कम खाना खा रहा हो या बहुत सुस्त लग रहा हो.
  • जी मिचलाना या उल्टी होना : बार-बार उल्टी आना या मतली की शिकायत होना.
  • त्वचा पर चकत्ते या लाल दाने : त्वचा पर छोटे-छोटे लाल दाने निकल सकते हैं, जो खुजली के साथ हों या बिना खुजली के.
  • नाक या मसूड़ों से खून आना : कभी-कभी हल्का रक्तस्राव भी डेंगू का संकेत हो सकता है.
  • पेट में दर्द या सूजन : गंभीर मामलों में पेट में लगातार दर्द होना या सूजन दिखना.

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