उन 9 आतंकी ठिकानों का खुला खौफनाक राज!, जहां ऑपरेशन सिंदूर से किया गया हमला, चौंका देगी सच्चाई

भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर उन्हें तबाह कर दिया है। इन 9 आतंकी ठिकानों की अब कुछ चौंका देने वाली बातें सामने आई हैं। आतंकी ठिकानों के ये राज रोंगटे खड़े कर देने वाले हैं।

पाकिस्तान के इन आतंकी ठिकानों में कहीं चाइल्ड सोल्जर्स बन रहे थे। तो कहीं हुई थी उरी, पुलवामा और पहलगाम जैसे हमलों की प्लानिंग। चलिए आपको रुबरू करवाते हैं इन नौ ठिकानों की हकिकत से, जो पाकिस्तान की सरज़मीं पर आतंक की फैक्ट्री थे।

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9 आतंकी ठिकानें जहां पर ऑपरेशन सिंदूर से किया गया हमला

  • बहावलपुर: बहावलपुर का ये इलाका जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा हुआ है। आपको ये जानकर हैरानी होगी की पुलवामा, उरी और पहलगाम हमलों से भी बहावलपुर का संबंध था। इसे आतंकी मसूद अजहर का घर माना जाता है।
  • मुरीदके: यहां लश्कर-ए-तैयबा का कोर ट्रेनिंग सेंटर है। जिसे हाफिज सईद का मुख्यालय माना जाता है। मुरीदके 26/11 और कार्गिल हमलों से भी जुड़ा है। पहलगाम हमले की प्लानिंग भी यहीं पर हुई थी।
  • मुजफ्फराबाद: ये इलाका कश्मीर में आतंकवादी घुसपैठ के लिए एक्टिव लॉन्च पैड के तौर पर इस्तेमाल होता था।
    आप ये जानकर सन्न रह जाएंगे की सैटेलाइट इमेज से ये पता चला है कि पहलगाम हमले से कुछ हफ्ते पहले इसी मुजफ्फराबाद में काफी हलचल थी।
  • कोटली कैंप: ये जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ है। कश्मीर के ऑपरेशंस के लिए एक लॉजिस्टिक्स और कम्युनिकेशन हब है।
  • भीम्बेर कैंप: ये हिजबुल मुजाहिद्दीन से जुड़ा हुआ है। जहां आतंकवादियों की भर्ती और ट्रेनिंग होती है।
  • बाघ कैंप: हिजबुल और आईएसआई से जुड़ा ये कैंप चाइल्ड सोल्जर्स को प्रशिक्षण देने के साथ-साथ इन चाइल्ड सोल्जर्स का माइंडवाश भी किया जाता है।
  • चक अमरू: ये लश्कर-ए-तैयबा और आईएसआई से रीलेटेड है। यहां पर आर्म्स की डंपिंग की जाती है। जिसे आर्म्स ट्रांजिट पॉइंट कहा जाता है।
  • गुलपुर कैंप: ये भी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा है। यहां पर आतंकियों के लिए टेम्परेरी हाइडआउट्स बनाए जाते हैं।
  • तेहरा कलान: यहां आतंकवादियों को एडवांस आईईडी और स्नाइपर ट्रेनिंग दी जाती है। भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत ऐयर स्ट्राइक कर इन्हीं जगहों को टार्गेट किया है। भारत बार-बार ये कह रहा है कि ये कार्रवाई केंद्रित, नपी तुली और गैर बढ़ावा देने वाली रही है। सरकार ने ये भी साफ किया है कि भारतीय सेना ने किसी भी पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान को निशाना नहीं बनाया है।

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